Cheque के कॉर्नर में 2 लाइन का क्या है मतलब, कब लिखना होता है जरूरी?
Written By: अनुज मौर्या
Wed, May 08, 2024 09:48 AM IST
बैंकिंग (Banking) तो लगभग हर कोई करता है, लेकिन चेक का इस्तेमाल कम ही लोग करते हैं. उसमें भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिन्हें अलग-अलग तरह के चेक के बारे में पता ही नहीं है. ऐसा ही एक चेक होता है क्रॉस चेक (Cross Cheque), जिसके तहत चेक में बाईं साइड ऊपर कोने पर दो समानांतर लाइनें खींची जाती हैं. क्या आप जानते हैं कि ये लाइनें क्यों खीची जाती हैं? आइए जानते हैं नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 के अनुसार क्रॉस चेक की हर बारीकी.
1/6
इससे कैश नहीं निकाल सकता कोई
2/6
सिर्फ अकाउंट में होता है भुगतान
TRENDING NOW
3/6
जनरल क्रॉसिंग
4/6
स्पेशल क्रॉसिंग?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 के सेक्शन 124 के अनुसार, स्पेशल क्रॉसिंग तब की जाती है, जब चेक जारी करने वाला चाहता है कि जिस शख्स को पैसे देने हैं, वह उसके किसी खास बैंक के अकाउंट में ही जाएं. मान लीजिए कि जिसे पैसे देने हैं, उसके कई बैंकों में अकाउंट हैं. ऐसे में चेक जारी करने वाला शख्स चेक पर नीचे की तरफ खाली जगह में दो समानांतर लाइनें खींचकर बैंक का नाम लिख सकता है. ऐसी हालत में उस चेक के जरिए सिर्फ उसी बैंक के खाते में पैसे डाले जा सकेंगे, जिसका नाम चेक पर लिखा होगा.
5/6
अकाउंट पेयी क्रॉसिंग
अगर चेक में क्रॉसिंग लाइन्स के बीच अकाउंट पेयी (A/C Payee) लिख दिया जाता है तो इसका मतलब है कि उससे सिर्फ वही शख्स पैसा अपने अकाउंट में ले सकता है, जिसका नाम चेक पर लिखा है. वह किसी भी बैंक खाते में चेक लगाकर पैसे निकाल सकता है. हालांकि, अगर स्पेशल क्रॉसिंग करते हुए किसी बैंक का नाम लिख दिया है तो फिर सिर्फ उसी बैंक में पैसा जाएगा. इस चेक की सबसे खास बात ये होती है कि इसे किसी को एंडोर्स नहीं किया जा सकता. इसका पैसा सिर्फ उसी शख्स के खाते में जाएगा, जिसका नाम चेक पर लिखा है. बता दें कि इसके बारे में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 में कोई जिक्र नहीं है, लेकिन तमाम बैंक इस प्रैक्टिस को फॉलो करते हैं. एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट पर भी इसका जिक्र है.
6/6